कुछ ख़्वाब बुने है आ जायो
एक फूल तुम्हरा है
कुछ पानी कम है आ जायो
ख्वाब जो चिल्लाकर कहते हैं
ख्वाबों की ताबीर बनो
तुम गुनगुनाते रहो
आखों में नींद कम है आ जायो
ख्वाब में घर भी है
एक झोर पे हम है
एक झोर पे तुम हो
आखों में नींद कम है आ जायो..............